इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण की नहराें काे 12 दिसंबर से भी चार में से दाे समूह में चलाने की मांग काे लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले शुक्रवार काे किसानों ने जल संसाधन विभाग कार्यालय के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया। सुबह 11 बजे शुरू हुअा धरना रात्रि 10 बजे तक जारी रहा। इस दाैरान तीन दाैर की वार्ता हुई, लेकिन काेई िनष्कर्ष नहीं िनकला। किसान प्रतिनिधि रेगुलेशन बदलने से पहले जल परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाने पर अड़े रहे, जबकि चीफ इंजीनियर ने कहा बैठक बुलाने के लिए काेई अाधार नहीं है। रात्रि 10.15 बजे एसडीएम कपिल यादव और डीएसपी अंतरसिंह श्योराण ने मध्यस्थता करते हुए किसानों से अपने स्तर पर विधायकों से वार्ता कर जल परामर्शदात्री समिति की बैठक करने की अपील की। इस पर किसान सहमत हो गए और सोमवार तक आंदोलन स्थगित कर दिया। किसान नेताओं ने बताया कि अगर समिति की बैठक नहीं हुई तो दुबारा बेमियादी धरना शुरु किया जाएगा। किसानों ने कहा कि अब तक गेहूं की िबजाई चल रही है। सरसाें व चना की फसलाें काे भी िसंचाई पानी की अावश्यकता है। 12 दिसंबर से तीन में से एक समूह की नहराें में पानी चलाने से किसानों काे 17 दिन बाद िसंचाई पानी िमलेगा। इससे फसलें बर्बाद हाे जाएगी। विभाग के अधिकारियाें ने कहा कि राजस्थान के लिए जाे बीबीएमबी ने शेयर िनर्धारित किया है उसके मुकाबले भी अब तक बांधाें में पानी नहीं है। एेसे में किसी भी हालत में वर्तमान में चल रहे रेगुलेशन का यथावत नहीं रख सकते। चीफ इंजीनियर ने कहा कि यह जाे रेगुलेशन बनाया गया है वाे सभी जनप्रतिनिधियाें की राय से ही तय किया गया था। इस समय बांधाें में पानी की अावक काफी कम है। दिसंबर के अंितम सप्ताह व जनवरी माह में बांधाें में पानी की अावक हाेगी उसके अनुरूप 5 जनवरी काे प्रस्तावित जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में िनर्णय लेकर रेगुलेशन बदलने पर चर्चा कर ली जाएगी।
तीन दौर की वार्ता, फिर भी बैठक बुलाने पर सहमति नहीं रात्रि 10.15 बजे धरना स्थगित, अब विधायकों से मिलेंगे