मक्का खल की डिमांड प्रदेश अाैर देश के अन्य हिस्साें में तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह से प्रदेश मक्का खल के उत्पादन में पहले स्थान पर अा गया है। इसकी डिमांड बढ़ने की वजह यह है कि मक्का खल के फायदे देख दुग्ध उत्पादकों का इसके प्रति रुझान बढ़ा है। मक्का की खल के सेवन से पशुओं के दूध में फेट की मात्रा बढ़ने से यह दुध उत्पादक किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। कुचामन-नागौर के एक दूध उत्पादक किसान महेंद्र शेखावत ने बताया कि मक्का खल के सेवन से पशुओं का दूध तो बढ़ता ही है, फेट की मात्रा में भी काफी बढ़ाेतरी होती है। इससे दूध के अच्छे दाम मिलते हैं। उदयपुर के किसान रमेश कुमार ने बताया कि पशु आहार के लिए सारिस्का मक्का खल की मांग में काफी बढ़ाेतरी हुई है।
लालसोट के दुग्ध उत्पादक ने बताया कि मक्का खल काे दूधारू पशुओं को खिलाने में हाे रहे फायदे से इसका इस्तेमाल बढ़ा है। गंगानगर, बाड़मेर, अजमेर, नागौर, हनुमानगढ़, भरतपुर और झुंझुनूं क्षेत्रों में भी मक्का खल की मांग तेजी से बढ़ी है।
राजस्थान उत्तर भारत में मक्का की खल उत्पादन में पहले स्थान पर