हिसार, । जिला में धान की पराली जलाने पर रोक लगाने में प्रशासन के साथ सहयोग न करने पर उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने 3 गांवों के सरपंचों को सस्पेंड करने का नोटिस जारी किया है। इसके अलावा पराली जलाने वाले 14 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आज सायं कॉन्फ्रेंस कक्ष में सभी एसडीएम व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक के दौरान उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने खेतों में अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आग लगाने वालों के साथ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जिला में धारा 144 लागू की हुई है और इस विषय बारे सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार खुले में कूड़ा जलाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है जिस बारे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। यदि कहीं भी आग लगाने का मामला नोटिस में आता है तो तुरंत संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए तथा उससे जुर्माना अदा करने का नोटिस जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण पर रोक लगाने के संबंध में स्पष्टï रूप से सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों से लेकर सरपंच तक की जिम्मेदारी निर्धारित है। यदि किसी गांव में पराली जलाने का प्रयास किया जाता है तो जन-प्रतिनिधि होने के नाते सरपंच उन्हें ऐसा करने से रोके। फिर भी न मानने पर सरपंच ऐसे लोगों की सूचना प्रशासन को दे और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सहयोग करे। इसी परिप्रेक्ष्य में जिला में 3 गांवों, बिठमड़ा, चमारखेड़ा व घिराय के सरपंचों को पराली जलाने में रोक न लगाने के मामले का दोषी पाते हुए आज उन्हें सस्पेंड करने का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में 14 किसानों पर एफआईआर दर्ज करवाते हुए उन्हें जुर्माना अदा करने के नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी नंबरदार भी अपने क्षेत्र के लोगों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करें।
उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे अपने उपमंडल के अधीन आने वाले सभी गांवों में ग्राम स्तरीय कमेटियों को सक्रिय करें जिससे प्रतिदिन 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित हो कि गांव में कहीं भी पराली में आग नहीं लगाई जा रही है। उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से फिल्ड में जाकर गांवों का दौरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला में जितने भी कॉमन हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं उनके कृषि उपकरणों का उपयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं तथा आज तक कितने एकड़ भूमि पर इनका उपयोग किया गया है।
उपायुक्त मीणा ने सभी नगर निकायों के अधिकारियों को ऐसे लोगों के चालान करने के निर्देश दिए जो खुले में कूड़ा जलाते मिलें। उन्होंने कहा कि पराली अथवा कूड़ा जलाने के प्रत्येक मामले पर कड़ा संज्ञान लिया जाए और इस मामले में किसी प्रकार की ढील न बरती जाए। यदि अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक शिवचरण, नगर निगम आयुक्त डॉ. जेके आभीर, हांसी एसडीएम वीरेंद्र सहरावत, बरवाला एसडीएम शालिनी चेतल, हिसार एसडीएम परमजीत सिंह, नारनौंद एसडीएम सुरेंद्र सिंह, सीटीएम अश्वीर सिंह, डीडीपीओ सूरजभान, डीडीए डॉ. विनोद फोगाट, सभी तहसीलदार व बीडीपीओ भी मौजूद थे।